करोना से जूझती आज की वर्तमान शिक्षा।

पूरा विश्व युग आज कोरोना महामारी से जूझ रहा है। जहां सभी कारोबार और नौकरियां प्रभावित हुई है। वही हेल्थ और शिक्षा संस्थान भी काफी प्रभावित हो रहे हैं ।
एक तरफ शिक्षा संस्थान एवं उससे जुड़े लोग और दूसरी तरफ कारोबार और नौकरियों से प्रभावित अभिभावक। दोनों का पक्ष अपनी-अपनी जगह जायज है।
कारोबार और नौकरियों से प्रभावित अभिभावकों का कहना स्कूल अब भी मन मानी कर रहा है । वह अभी भी अभिभावकों पे कोई राम नहीं कर रहा है। जबकि शिक्षा संस्थान बंद पड़े हैं । और स्कूल मेंटेनेंस चार्ज भी ले रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर मनचाही फीस वसूल रहे हैं। अभिभावकों का कहना है। जब बच्चों की पढ़ाई हम स्वयं करा सकते हैं तो ऑनलाइन एजुकेशन की क्या आवश्यकता है। अगर बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ पाते तो यूट्यूब या अन्य फ्री एप से पढ़ सकते थे । तो हमें फीस देने की क्या आवश्यकता थी। हम अपने बच्चों को ऑनलाइन से ही नहीं पढ़ा लेते। अभिभावकों का कहना बिल्कुल जायज है। लेकिन अभिभावकों को भी समझना होगा।
कारोबारी और नौकरियों से प्रभावित मैं वह स्वयं ही नहीं वल्कि स्कूल संस्थान भी है।
अभिभावकों अभी सोचते हैं कि हमारा बच्चा एक साल स्कूल नहीं जाएगा तो क्या हो जाएगा। बिल्कुल सही बात है। एक साल बच्चा स्कूल नहीं जाता है। तो क्या फर्क पड़ता है। फरक पड़ता है। अभिभावकों को भी यह सोचना पड़ेगा। यह कोरोना महामारी कोई निश्चित समय के लिए नहीं है। ना ही कोई वैक्सीन बनी है। ना ही कोई इलाज है। घर से बाहर निकलना दुर्लभ है। क्या पता है इसका प्रभाव कब तक रहेगा। हम नहीं जानते कि यह वायरस कब तलक इस दुनिया में रहेगा। क्योंकि अभी तलक ना तो कोई दवा बनी है और ना ही कोई इसका अभी इलाज मिला है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर व अभिभावकों को सोचना चाहिए।कि वह फीस बचाने के चक्कर में अपने बच्चों का भविष्य अंधकार की तरफ तो नहीं ले जा रहे हैं। अगर आपको फीस ज्यादा लगती है। तो आप संस्था में जाकर या फोन पर उनसे बात कर सकते हैं। संस्था को भी आपकी बात सुनी होगी क्योंकि वह भी इस महामारी से प्रभावित हैं। जो संस्थाएं इस महामारी के समय अपने अभिभावकों का सम्मान नहीं कर रहे हैं। वह बहुत गलत है। दोनों पक्ष को मिलकर। आगे बढ़ना होगा। क्योंकि यह उनके बच्चों के भविष्य का सवाल है।
अभिभावकों को स्कूल संस्थान दोनों पक्ष मिलकर एक फैसला करें और बच्चे का भविष्य अंधकार में जाने से रोके।
और
बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा जारी रखें

PRAMOD KUMAR VIVA

Director of Viva Group of Companies. Viva Educational Trust Viva Technology Viva Domain Viva Hosting Viva ERP Viva Schools

One thought on “करोना से जूझती आज की वर्तमान शिक्षा।

  • July 18, 2020 at 4:24 am
    Permalink

    Good Think

    Reply

Leave a Reply