आलू टिक्की
भारतीय परंपराओं मैं आलू की टिक्की का भी अपना महत्व है। यह हर स्थान पर अलग अलग तरीके से बनाई जाती है। कुछ लोग आलू की टिक्की को छोले के साथ एवं कुछ लोग आलू की टिक्की के ऊपर दही ऊपर मीठी शॉट हरी चटनी गरम मसाला नमक मिर्च डालकर प्रस्तुत करते हैं। हाथरस की टिक्की के अंदर तो चने एवं मटर की दाल डालकर। एकदम खस्ता से की जाती है उसमें हरी चटनी एवं मीठी शॉट से सजाया जाता है। जो खाने में बड़ी कुरकुरी होती है। कुछ लोग दही भी डलवा ते हैं। परंतु दही से थोड़ा सा कुरकुरा कम हो जाता है। और टिक्की का टेस्ट भी चेंज हो जाता है।
मैंने हर जगह अलग-अलग स्थान की टिकिया खा के टेस्ट की है।
गाजियाबाद में घंटाघर के चोपला मंदिर पर हाथरस टिक्की वालों के कई ठेले लगते हैं जो काफी अच्छी टिक्की बनाते हैं।
ऐसी ही यह हाथरस की टिक्की वसुंधरा सेक्टर ५ के अंदर भी बनाता है। परंतु मैं एक बात बताऊं यह दुकान एक चिकन वाले की है यह सुनने में बड़ा अजीब लगता है लेकिन यह टिक्की वास्तव में लाजवाब बनाता है। मेरा मानना है जो वसुंधरा पिया इंदिरापुरम वैशाली के आसपास रहता है वह इनकी एक बार टिक्की खाकर जरूर देखें।
और एक खास बात इस टिक्की का मूल्य केवल मात्र ₹30
मैं इनके यहां की कुछ तस्वीर भी लोड करूंगा वह भी आप देखें।
इसी के साथ साथ एक दिन मैं गाजियाबाद भी जाऊंगा वहां के नवयुग मार्केट में देसी घी की टिक्की भी बड़ी फेमस है। उनकी फोटो एवं डायरेक्शन भी मैं आपको अपलोड करूंगा जल्द ही।
गाजियाबाद में बहुत बढ़िया बढ़िया खाने के स्थान है अगर आप इन खानों को स्थानों को जानना चाहते हैं तो आप मेरा हौसला बढ़ाएं जिससे कि मैं आप लोगों को यह ज्यादा से ज्यादा शेयर कर सकूं।